Date: Sun 19 Jan 2025 /

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Saal 2025 Huzoor Nabi e Kareem ﷺ se mansoob – Raza Academy | “इस्लाम के पैगंबर, हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने मानवता के सम्मान और मानवाधिकारों की सुरक्षा पर सबसे पहले बल दिया।” — अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी

 

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Saal 2025 Huzoor Nabi e Kareem ﷺ se mansoob

1500 Sala Jashn e Miladun Nabi ﷺ ke silsile mein Raza Academy ne 1 January 2025 ko Nabi e Rehmat sab ke liye muhim ka aagaaz karte hue 2025 ko Huzoor ﷺ ki zaat mubaraka se mansoob kiya hai taake na sirf Musalman balke tamam qaumeiñ Nabi e Rehmat ﷺ ki bargaah se istefadah kareiñ.

 

“इस्लाम के पैगंबर, हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने मानवता के सम्मान और मानवाधिकारों की सुरक्षा पर सबसे पहले बल दिया।” — अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी

रज़ा अकादमी, मुंबई

प्रेस विज्ञप्ति

मुंबई, 1 जनवरी 2025

2025 का वर्ष इस्लाम के पवित्र पैगंबर, हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के जन्म की 1500वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर, रज़ा अकादमी ने एक अभियान शुरू किया है जिसका नाम है “सभी के लिए नबी रहमत अभियान”। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पैगंबर (PBUH) की दया, शांति और उनके आदर्शों को पूरी दुनिया में फैलाना है।

2025: एक ऐतिहासिक साल

पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का जन्म 5 सितंबर 2025 को 1500 साल पहले हुआ था। इस अवसर पर, रज़ा अकादमी ने 1 जनवरी 2025 से इस अभियान की शुरुआत की है, जो न केवल मुसलमानों, बल्कि सभी धर्मों के लोगों को पैगंबर के महान आचरण, प्रेम और शांति से परिचित कराने का प्रयास करेगा। इस अभियान के तहत, अकादमी देशभर में समाज सेवा के कई कार्य करेगी।

कार्यक्रम की शुरुआत

आज मुंबई स्थित रज़ा अकादमी के कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस अभियान को लेकर विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई। इस अवसर पर रज़ा अकादमी के प्रमुख, अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब ने कहा, “2025 का साल पैगंबर (PBUH) के आशीर्वाद का वर्ष होगा। हम पूरे जोश और उत्साह के साथ इस अभियान को फैलाएंगे ताकि हर व्यक्ति, चाहे वह मुस्लिम हो या गैर-मुस्लिम, हमारे पैगंबर के प्रेम, करुणा और अच्छाई से परिचित हो सके।”

 

अगले साल के कार्यक्रम अल्हाज नूरी साहब ने बताया कि 2025 में रज़ा अकादमी विभिन्न सामाजिक कार्यों का आयोजन करेगी, जिनमें अस्पतालों में गरीब मरीजों की मदद, स्कूलों और कॉलेजों में गरीब बच्चों की शिक्षा की फीस का भुगतान, और वृद्धाश्रमों में रहने वाले लोगों के लिए भोजन और अन्य सहायता शामिल है। इसके अलावा, 5 सितंबर 2025 तक पूरे देश में लंगर रसूल का आयोजन भी किया जाएगा, जिससे पैगंबर (PBUH) की शांति और दया का संदेश लोगों तक पहुंचे।

 

गैर-मुसलमानों को भी जोड़ने की कोशिश शेर मिल्लत हजरत अल्लामा एजाज अहमद कश्मीरी ने कहा, “पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की शिक्षाएं पूरी दुनिया के लिए हैं, न केवल मुसलमानों के लिए। उनकी दया और करुणा ने न केवल मुसलमानों, बल्कि सभी इंसानों को एक सकारात्मक दिशा दी है। हमें चाहिए कि हम गैर-मुसलमानों को भी उनके बारे में बताएं और उनका संदेश सभी तक पहुंचाएं।”

सामाजिक कल्याण के कार्य

बैठक में रज़ा अकादमी के टाटवाला शाखा के अध्यक्ष मुफ़्ती सादिर रज़ा ने एक नई मस्जिद बनाने का प्रस्ताव रखा, जो पैगंबर (PBUH) की याद में “यार रसूलुल्लाह” के नाम से समर्पित की जाएगी। इसके अलावा, कई अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर भी चर्चा की गई, जैसे अस्पतालों में गरीबों के इलाज की व्यवस्था, स्कूलों में गरीब बच्चों की शिक्षा, और वृद्धाश्रमों में भोजन की व्यवस्था।

 

सभी को जोड़ने की अपील

 

बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि गांवों और छोटे कस्बों में धार्मिक बैठकें आयोजित की जाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़ सकें और पैगंबर (PBUH) के संदेश को जान सकें।

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