दिल्ली में नामूस-ए-रसालत पर अहम मशविराती बैठक
नई दिल्ली, (प्रेस विज्ञप्ति)
“I Love Mohammad” मामले को लेकर देशभर में फैली तनावपूर्ण स्थिति और विशेष तौर पर बरेली में शुक्रवार की नमाज़ के बाद हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर यूपी पुलिस की कथित ज्यादती के मद्देनज़र आज दिल्ली के मटिया महल में एक महत्वपूर्ण मशविराती बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता रज़ा एकेडमी के चेयरमैन मौलाना अल्हाज सईद नूरी ने की, जिसमें उलमा, मशाइख़, बुद्धिजीवी और समुदाय के गणमान्य लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
बैठक में बरेली शरीफ़ की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने और उनके ख़िलाफ़ सख़्त क़ानूनी कार्रवाई की माँग की गई। फ़र्ज़ी मुक़दमे दर्ज करने और निर्दोष युवाओं की गिरफ़्तारी को अस्वीकार्य बताते हुए तुरंत रिहाई पर ज़ोर दिया गया। उपस्थित लोगों ने कहा कि “आई लव मोहम्मद” कहना और लिखना मुसलमानों का धार्मिक और संवैधानिक अधिकार है, जिसे कोई ताक़त छीन नहीं सकती।
उलमा और मशाइख़ ने सहारनपुर, काशीपुर, वाराणसी और बरेली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ती तनावपूर्ण ख़बरों पर गहरी चिंता जताई और साफ़ कहा कि नामूस-ए-रसालत पर किसी भी तरह का समझौता संभव नहीं है। उन्होंने ऐलान किया कि हर विरोध संविधान की मर्यादा में रहकर शांतिपूर्ण तरीक़े से किया जाएगा। बैठक में आगामी 3 अक्टूबर को प्रस्तावित शांतिपूर्ण ‘भारत बंद’ पर भी चर्चा हुई और ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा की संभावित गिरफ़्तारी की कड़ी निंदा की गई।
बैठक में मौलाना मोहम्मद अब्बास रिज़वी (मुंबई), मौलाना रईस अहमद (मालेगांव), जनाब ग़ुलाम रब्बानी, डॉ. शुजात अली, अल्हाज क़ारी रियासत अली रिज़वी, मौलाना काज़िम अली मिस्बाही, मौलाना ग़ुलाम हुसैन, मौलाना सैयद क़ैसर ख़ालिद फ़र्दौसी, हाजी हुसैन आज़ाद, क़ारी मशकूर अहमद अशरफ़ी और मौलाना इजाज़ अहमद कश्मीरी समेत कई प्रमुख हस्तियाँ मौजूद रहीं।
अंत में मौलाना सईद नूरी की दुआ के साथ बैठक का समापन हुआ और देश में अमन-चैन क़ायम रखने की अपील की गई।